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जो मैं लिखती हूं क़दर दान यहां नहीं हैं। पंख हैं मेरे जितने लंबे उतनी बड़ी ये जहां नहीं है। ऐसा दर्द नहीं है कोई जिसको मैंने सहा नहीं है। आंसू ...